एक बार एक शहर में बहुत ही मशहूर painter था। उसकी बनाई हुई paintings लोग देखते रह जाते थे। जैसे ही वो paintings बनाता था,हाथों हाथ बिक जाती थी क्यूंकि वो बिलकुल असली जैसे लगती थीं। लेकिन वो हमेशा इस कोशिश में रहता कि कैसे वो अपनी paintings को और भी अच्छा बना सके, कैसे उसे और भी improve कर सके। इसके लिए वो अलग अलग चीज़ें करता रहता था। कभी खुद को कमरे में बंद कर लिया, कभी धूप में खड़ा हो जाता था, कभी गुफ़ाओं में जाके painting करता और कभी पहाड़ों के बीच अपनी painting बनाया करता।
इन सब चीज़ों का नतीजा ये होता था कि उसकी paintings बहुत शानदार होती थीं। एक बार उस painter ने ऐसी painting बनाई कि उसे लगा की ये मेरी आज तक की सबसे अच्छी और बेहतरीन painting है। ऐसा कभी नहीं हुआ था कि उसको कभी अपनी बनाई हुई paintings में कोई कमी न दिखी हो। उसको लगा कि मेरी सबसे best painting है, उसे उसमे कोई कमी नज़र न आयी।
अब इस बात को खुद को साबित करने के लिए उसने वो painting शहर के सबसे busy चौराहे पर रख दिया और नीचे एक note लगा दिया कि अगर आपको इस painting में कोई भी कमी नज़र आ रही है तो निशान लगा दें। अब वो painting बहुत ही शानदार थी तो उसको विश्वास था कि लोग इसे जरूर पसंद करेंगे और तारीफ़ ही करेंगे।
फिर शाम को वो अपनी painting देखने वापस पहुंचा। अपने सामने का scene देख कर वो हैरान रह गया। पूरी की पूरी painting पर हर जगह निशान ही निशान भरे पड़े थे। लोगों ने उसपे इतने निशान लगाए कि वो painting पूरी काली नज़र आ रही थी। वो ये सब देख कर बहुत परेशान हुआ कि जो painting उसे अपना masterpiece लग रही थी उसमे लोगों ने इतनी कमियां निकाली है जो शायद ही कभी किसी और painting में निकाली हों।
वो परेशान हुआ अपने दोस्त के पास जाता है और उसे सारी बात बताता है। उसका दोस्त उसे समझाते हुए कहता है कि वो फिर से एक ऐसी ही painting बनाये और उसी चौराहे पे रखे लेकिन इस बार उसके नीचे लिखना कि अगर इसमें कोई कमी नज़र आये तो कृप्या उसे सुधार दें। अब उस painter ने दोस्त के कहे अनुसार वो painting दुबारा बनाई और जो उसने लिखने को कहा था,वो लिख कर चौराहे पर रख दी।
अब जब वो शाम को अपनी painting वापस देखने गया तो उसपे एक भी निशान नहीं था। जो बात उस दिन painter ने समझी वो बात हमे भी हमेशा याद रखनी चाहिए कि जब उस painter ने अपनी painting के नीचे लिखा था कि कमियां निकाल दो, तो सब ने उसकी painting को निशानों से भर दिया लेकिन जब उसने लिखा कि कमी निकाल के उसे सुधार दो तो एक भी निशान नहीं मिला। मतलब क्या कि कमियाँ निकालना तो बहुत आसान है लेकिन उन कमियों को सुधारना मुश्किल है। लोग दूसरों की कमियां तो झट से निकाल देते हैं लेकिन खुद की कमियों की तरफ एक नज़र भी नहीं मारते।
हमारे साथ भी तो यही होता है लोग हम में कमियां निकालते जाते हैं और हम अपना आत्म-विश्वास खोते जाते हैं,खुद पे शक करने लग जाते हैं। हम एक बार में perfect नहीं हो सकते, कमियां रहेंगी और हमे उनको सुधारते रहना होगा लेकिन तुम्हारे बारे में तुमसे ज़्यादा और कोई नहीं जानता। तुम लोगों से सलाह ले सकते हो लेकिन जो लोग तुम में हमेशा कमियां ही निकालते हैं उनकी वजह से अपनी सोच को,अपने सपनों को और अपने आत्म-विश्वास को कमज़ोर मत करो क्यूँकि तुम्हें नहीं पता कि तुम्हारे अंदर क्या है और जिस दिन तुम्हें पता चल जायेगा, उस दिन तुम्हारी दुनिया बदल जाएगी।
इन सब चीज़ों का नतीजा ये होता था कि उसकी paintings बहुत शानदार होती थीं। एक बार उस painter ने ऐसी painting बनाई कि उसे लगा की ये मेरी आज तक की सबसे अच्छी और बेहतरीन painting है। ऐसा कभी नहीं हुआ था कि उसको कभी अपनी बनाई हुई paintings में कोई कमी न दिखी हो। उसको लगा कि मेरी सबसे best painting है, उसे उसमे कोई कमी नज़र न आयी।
अब इस बात को खुद को साबित करने के लिए उसने वो painting शहर के सबसे busy चौराहे पर रख दिया और नीचे एक note लगा दिया कि अगर आपको इस painting में कोई भी कमी नज़र आ रही है तो निशान लगा दें। अब वो painting बहुत ही शानदार थी तो उसको विश्वास था कि लोग इसे जरूर पसंद करेंगे और तारीफ़ ही करेंगे।
फिर शाम को वो अपनी painting देखने वापस पहुंचा। अपने सामने का scene देख कर वो हैरान रह गया। पूरी की पूरी painting पर हर जगह निशान ही निशान भरे पड़े थे। लोगों ने उसपे इतने निशान लगाए कि वो painting पूरी काली नज़र आ रही थी। वो ये सब देख कर बहुत परेशान हुआ कि जो painting उसे अपना masterpiece लग रही थी उसमे लोगों ने इतनी कमियां निकाली है जो शायद ही कभी किसी और painting में निकाली हों।
वो परेशान हुआ अपने दोस्त के पास जाता है और उसे सारी बात बताता है। उसका दोस्त उसे समझाते हुए कहता है कि वो फिर से एक ऐसी ही painting बनाये और उसी चौराहे पे रखे लेकिन इस बार उसके नीचे लिखना कि अगर इसमें कोई कमी नज़र आये तो कृप्या उसे सुधार दें। अब उस painter ने दोस्त के कहे अनुसार वो painting दुबारा बनाई और जो उसने लिखने को कहा था,वो लिख कर चौराहे पर रख दी।
अब जब वो शाम को अपनी painting वापस देखने गया तो उसपे एक भी निशान नहीं था। जो बात उस दिन painter ने समझी वो बात हमे भी हमेशा याद रखनी चाहिए कि जब उस painter ने अपनी painting के नीचे लिखा था कि कमियां निकाल दो, तो सब ने उसकी painting को निशानों से भर दिया लेकिन जब उसने लिखा कि कमी निकाल के उसे सुधार दो तो एक भी निशान नहीं मिला। मतलब क्या कि कमियाँ निकालना तो बहुत आसान है लेकिन उन कमियों को सुधारना मुश्किल है। लोग दूसरों की कमियां तो झट से निकाल देते हैं लेकिन खुद की कमियों की तरफ एक नज़र भी नहीं मारते।
हमारे साथ भी तो यही होता है लोग हम में कमियां निकालते जाते हैं और हम अपना आत्म-विश्वास खोते जाते हैं,खुद पे शक करने लग जाते हैं। हम एक बार में perfect नहीं हो सकते, कमियां रहेंगी और हमे उनको सुधारते रहना होगा लेकिन तुम्हारे बारे में तुमसे ज़्यादा और कोई नहीं जानता। तुम लोगों से सलाह ले सकते हो लेकिन जो लोग तुम में हमेशा कमियां ही निकालते हैं उनकी वजह से अपनी सोच को,अपने सपनों को और अपने आत्म-विश्वास को कमज़ोर मत करो क्यूँकि तुम्हें नहीं पता कि तुम्हारे अंदर क्या है और जिस दिन तुम्हें पता चल जायेगा, उस दिन तुम्हारी दुनिया बदल जाएगी।
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