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Showing posts from November, 2018

कहानी: शेर और ब्राह्मन | Sher Aur Brahman - Kahani | Hindi Story - udaan96

शेर और ब्राह्मन           एक गांव के नजदीक एक घना जंगल था। उस घने जंगल में एक शेर रहता था। शेर रोज गांव में जाकर गांव वालों की बकरियां, मुर्गी आदि को मार कर खा जाता था। शेर के ऐसा करने पर गांव वाले बहुत परेसान थे।        शेर से छुटकारा पाने के लिए गांव वालों ने एक पिंजरा बनवाया और उस पिंजरे को जहाँ से शेर आताथा उस रास्ते में रख दिया। जब शेर रात को अँधेरे में गांव की तरफ जारहा था तो गलती से पिंजरे के अन्दर चला गाया। शेर के भार से पिंजरे का दरवाजा अपने आप बंद हो गाया। शेर बहुत चिल्लाया पर वहां उसकी सुन ने वाला कोई नहीं था।       काफी देर बाद एक ब्राह्मन वहां से किसी दूसरे गांव में पूजा करने जा रहा था। रास्ते में शेर को देख कर डर गाया।जैसे ही वह वापस होने लगा, शेर ने बहुत मासूमियत में गिडगिडाते हुए ब्राह्मन से कहा में काफी देर से इस पिंजरे में बंद हूँ, कृपा करके मुझे बाहर निकाल दीजिए, मैं आप का अहसान मंद रहूँगा।       शेर के गिडगिडाने पर ब्राह्मन को शेर पर दया आ गई। ब्राह्मन ने दरवाजा खोल दिया। शेर बाहर आते ही ब्राह्मन पर झपट पड़ा। शेर ने कहा मैं तुझे खा जाउंगा। Read also...Te

कहानी: तीन मछलियां | Teen Machhliyan | Hindi Story - udaan96

तीन मछलियां        तीन मछलियां   एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए तो सभी मछलियां उस जलाशय में आती थी। वह जलाशय लम्बी घास व झाडियों द्वारा घिरा होने के कारण आसानी से नजर नहीं आता था।         उसी मे तीन मछलियों का झुंड रहता था। उनके स्वभाव भिन्न थे। अन्ना संकट आने के लक्षण मिलते ही संकट टालने का उपाय करने में विश्वास रखती थी। प्रत्यु कहती थी कि संकट आने पर ही उससे बचने का यत्न करो। यद्दी का सोचना था कि संकट को टालने या उससे बचने की बात बेकार हैं करने कराने से कुछ नहीं होता जो किस्मत में लिखा है, वह होकर रहेगा।        एक दिन शाम को मछुआरे नदी में मछलियां पकडकर घर जा रहे थे। बहुत कम मछलियां उनके जालों में फंसी थी। अतः उनके चेहरे उदास थे। तभी उन्हें झाडियों के ऊपर मछलीखोर पक्षियों का झुंड जाता दिकाई दिया। सबकी चोंच में मछलियां दबी थी। वे चौंके । एक ने अनुमान लगा

कहानी: एक अनोखा मालिक | Ek Anokha Malik | Hindi Story - udaan96

एक अनोखा मालिक          जाकिर हुसैन के घर पर एक अधेड़ उम्र का नौकर था। वह रोज देर से सोकर उठता था। उसकी इस आदत से घर वाले उससे परेशान थे। उन्होंने उस नौकर की शिकायत जाकिर हुसैन साहब से कर दी और उसे निकाल बाहर करने को कहा। इसके जवाब में जाकिर साहब ने केवल यही कहा-'उसे समझाओ।' सबने उसे समझाया, पर इसके बावजूद उस पर कोई असर न हुआ। 'अब आप ही समझाकर देखिए उस नौकर को!' घरवालों ने जाकिर साहब से निवेदन किया।        अगले दिन सवेरे जाकिर साहब उठे। एक लोटा पानी भरकर उस नौकर के सिर के पास जाकर खड़े हो गए। नौकर अभी तक गहरी नींद में ही था। वे उसे धीरे से उठाते हुए बोले-'उठिए मालिक! जागिए! सवेरा हो गया। मुंह हाथ धो लीजिए। मैं अभी आपके लिए चाय और स्नान के पानी का इंतजाम करता हूं।' इतना कहकर वे चले गए।        इधर नौकर परेशान कि ये हो क्या रहा है, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं। वह अभी बैठा-बैठा यह सोच ही रहा था, तभी जाकिर साहब चाय लेकर आते दिखाई दिए। वे आकर बोले- 'मालिक, लीजिए चाय पीकर स्नान करने चलिए।' नौकर बहुत घबराया। क्षमा मांगते हुए बोला-'हुजूर! आज के

Bhukkhad Chuha | Hindi Story - udaan96

भुक्खड़ चूहा         बहुत समय पहले की बात है एक गांव में चूहों का एक परिवार रहता था। उनमे से एक चूहा (कुकू) बहुत ही भुक्खड़ था। उठते - बैठते , सोते - जागते वो बस खाने के बारे में ही सोचता रहता। उसकी इस आदत से उसके घरवाले भी परेशान हो गए थे।        एक दिन कुकू का दोस्त चिंटू उनके घर आता है। चिंटू कुकू को अपने जन्मदिन की party का न्योता देने आता है। अगले दिन कुकू चिंटू की जन्मदिन  party  पर पहुँच जाता है। उस से वहां भी नहीं रहा जाता , वो बाकी  मेहमानों के आने से पहले ही सारा केक खा जाता है। इस पर उसके दोस्त बहुत नाराज़ होते हैं और उसे अपने घर जाने के लिए कहते हैं। लेकिन कुकू फिर भी नहीं सुधरता।        एक दिन कुकू का दोस्त मिंटू उसके घर आता है और कहता है कि पास के खेत में बहुत फसल हुई है ,चलो चल कर खाते हैं। कुकू अपने सारे दोस्तों के साथ फसल खाने चला जाता है। कुछ ही देर में उसके दोस्त खाना खा चुके होते हैं लेकिन कुकू अभी भी खाये जा रहा होता है। उसके दोस्त उसे जल्दी खाने को कहते हैं। लेकिन कुकू आराम से बैठ के खाये जाता है।        कुछ देर में सारे चूहे इधर-उधर भागने लगते हैं। जब कुक

Willpower - udaan96

        ज़िन्दगी में हमेशा सब कुछ अच्छा हो ऐसा संभव नहीं है। छोटी - बड़ी समस्याएँ हर कदम पर हमारा रास्ता रोकने की कोशिश करती रहती हैं। हम सब की ज़िन्दगी में ऐसी situation  आती है जब हमे लगता है कि सब ख़त्म हो चुका है तब इस हालत में दृढ़ इच्छा-शक्ति हे ऐसी चीज़ है जो हमे इन सब से लड़ने की ताक़त देती है। मुसीबतों का सामना करने का नाम ही ज़िन्दगी है।         सफलता पाने का मज़ा भी तभी आता है जब वो कई सारे संघर्ष और मुसीबतों को पार कर के मिली हो। इन चुनौतियों के बिना जीने का कोई मतलब ही नहीं है। ज़िन्दगी में हमेशा तीन चीज़ें होती हैं - आवश्यकताएँ ,इच्छाएं और प्रबल इच्छा-शक्ति। आवश्यकताएं ज़िन्दगी की मूल जरूरतें हैं जो हमे ज़िंदा रखती हैं। इच्छाएं वो हैं जो आप कह सकते हो कि आपको करनी चाहिए पर आप  के लिए कुछ नहीं कर सकते। Strong Willpower या प्रबल इच्छा-शक्ति वो होती है जिनमे जोश होता है। ये आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए इतना विवश कर देती है कि आप हर हाल में अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए काम में लगे रहोगे।         खुशियां कोई पेड़ पे लगा हुआ फल नहीं है जिसे तोड़ लिया जाये। ये खुशियां पाने के लिए दृ