'सीख ले'
कुछ कर गुज़रने की तू वजह ढ़ूंँढ़ ले,
खुद बनेंगे रास्ते,तू कदम बढ़ाना सीख ले।
मुसीबतें भी आएंगी खूब,
उन मुसीबतों से तू लड़ना सीख ले।
इन मुसीबतों का भी कभी अंत होगा,
तू बस सब्र करना सीख ले।
वो मंज़र भी आएगा,
कि सारी दुनिया तेरी होगी,
तू बस एक बार कोशिश करना सीख ले।
अपने कदमों की पकड़ ज़रा मज़बूत रखना,
कि ये डगमगाए नहीं,
ये ज़मीं क्या,पूरा आस्माँ भी होगा तेरा,
बस मंज़िल को पाने की ज़िद जगाए रखना।
अगर गिर भी गए तो रुकना नहीं,
फिर उठने की ज़रा हिम्मत जुटा लेना।
खुद चल पड़ेंगे तेरे कदम तेरी मंज़िल की अोर,
अगर है ज़िद कुछ कर दिखाने की।
कुछ कर गुज़रने की तू वजह ढ़ूंँढ़ ले,
खुद बनेंगे रास्ते,तू कदम बढ़ाना सीख ले।
मुसीबतें भी आएंगी खूब,
उन मुसीबतों से तू लड़ना सीख ले।
इन मुसीबतों का भी कभी अंत होगा,
तू बस सब्र करना सीख ले।
वो मंज़र भी आएगा,
कि सारी दुनिया तेरी होगी,
तू बस एक बार कोशिश करना सीख ले।
अपने कदमों की पकड़ ज़रा मज़बूत रखना,
कि ये डगमगाए नहीं,
ये ज़मीं क्या,पूरा आस्माँ भी होगा तेरा,
बस मंज़िल को पाने की ज़िद जगाए रखना।
अगर गिर भी गए तो रुकना नहीं,
फिर उठने की ज़रा हिम्मत जुटा लेना।
खुद चल पड़ेंगे तेरे कदम तेरी मंज़िल की अोर,
अगर है ज़िद कुछ कर दिखाने की।
-Geeta
Thank You
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