जब हौंसला बना लिया,
ऊँची उड़ान का।
फिर देखना फिज़ूल है,
फिर देखना फिज़ूल है,
कद आसमान का।
कभी भी अपनी काबिलियत पर शक मत करो। अगर आपके इरादे सच्चे नहीं हैं तो आप कभी भी अपने सपने पूरे नहीं कर पाएंगे। हर पतझड़ में बड़े से बड़े पेड़ के पत्ते झड़ जाते हैं पर उनकी जड़ें फिर भी मजबूत होती है,और अपना वक़्त आने पर फिर से हरा - भरा हो जाता है। बिलकुल ऐसे ही हमारे साथ भी होता है। अपनी जड़ों को मजबूत करो ,अपने इरादों को पक्का करो , जब वक़्त बदलेगा तो ज़िन्दगी में एक बार फिर नयी बसंत आएगी और यकीन मानिये ,वो पल बहुत खूबसूरत होगा।
इस लिए सपने देखिये और उन्हें पूरा करने के लिए जी - तोड़ मेहनत करिये। किसी ने क्या खूब कहा है.....
पसीने की स्याही से जो,
लिखते हैं अपने इरादों को।
उनके मुक़द्दर के पन्ने,
उनके मुक़द्दर के पन्ने,
कभी कोरे नहीं हुआ करते।
Comments
Post a Comment