दुनिया में आये हो तो कुछ ऐसा करो कि इतिहास बन जाओ,
असंभव को करो संभव ऐसे कि मिसाल बन जाओ।
असंभव को करो संभव ऐसे कि मिसाल बन जाओ।
असंभव कुछ भी नहीं ,ये सिर्फ हमारी सोच है। दुनिया में ऐसे बहुत से महान लोगों के उदाहरण हैं जिनके पास शुरू में कुछ भी नहीं था और मरने से पहले उनके हाथों में पूरी दुनिया थी। क्यूँकि उन्हें अपने अंदर कहीं न कहीं ये यकीन था कि वो एक दिन सफल जरूर होंगे।
यही चीज़ हमारी ज़िन्दगी में भी लागू होती है कि अगर हम बड़े सपने देख सकते हैं तो उन्हें पूरे भी कर सकते हैं। अगर कोई और अपनी मंज़िल हासिल कर सकता है तो हम भी कर सकते हैं। बस एक बार खुद पर भरोसा कर के कदम बढ़ाओ ,तुम वो सब हासिल करने के क़ाबिल हो जिसकी तुम ख्वाहिश रखते हो। तुम्हारी हद सिर्फ तुम हो। अगर ठान लो तो हर चीज मुमकिन है। मैं आपको एक छोटी सी कहानी सुनाना चाहूंगा....
ये कहानी दो दोस्तों की है जो कि उम्र में अभी छोटे थे। एक दिन वो खेलते खेलते गाँव के बाहर चले गए और एक वन में पहुँच गए। खेलते - खेलते उन्हें प्यास लगी। उन्हें दूर एक कुआँ नज़र आया। वो वहां पानी पीने गए ,और पानी निकालते वक़्त बड़ा दोस्त कुऍं में गिर गया। दूसरा दोस्त उम्र में अभी बहुत छोटा था ,वो अपने दोस्त को बाहर निकालने के क़ाबिल न था ,वो घबरा गया। पर फिर भी उसने बाल्टी को कुएँ में फेंका और अपने दोस्त को बाहर निकालने की कोशिश की। उसने अपनी पूरी जान लगा कर रस्सी को खींचा,और अंत में अपने दोस्त को बाहर निकाल ही लेता है जानते हैं क्यों.......क्यूँकि उस बच्चे के आस - पास उसे ये बताने वाला कोई नहीं था कि तू ये नहीं कर सकता है। इस कहानी से भी हमें यही शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है। दुनिया की बातों को नज़र - अंदाज़ करो और अपने काम में लगे रहो।
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